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लेखक:

राजकमल चौधरी

जन्म: 13 दिसम्बर, 1929 को अपने ननिहाल रामपुर हवेली में।

पितृग्राम महिषी (सहरसा-बिहार)। इण्टरमीडिएट आर्ट्स में नामांकन, किन्तु उसे छोड़कर भागलपुर आकर इण्टरमीडिएट कॉमर्स में प्रवेश। मारवाड़ी कॉलेज, भागलपुर से 1955 में आई.कॉम.। 1953 में गया कॉलेज से बी.कॉम। लेखन की शुरुआत भागलपुर से ही हो गई थी। शिक्षा पूरी करने के बाद अधिकतर कलकत्ता में रहे। कई हिन्दी और मैथिली की पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। अन्तिम वर्षों में पूरी तरह स्वतंत्र लेखन।

19 जून, 1967 को पटना के अस्पताल में लम्बी बीमारी के बाद निधन। कृतियाँ:

हिन्दी में:

  • अग्निस्नान
  • शहर था शहर नहीं था
  • नदी बहती थी
  • ताश के पत्तों का शहर
  • मछली मरी हुई (उपन्यास)
  • बीस रानियों के बाइस्कोप
  • एक अनार: एक बीमार (लघु उपन्यास)
  • मुक्ति प्रसंग
  • कंकावती
  • इस अकाल वेला में (कविता-संग्रह)
  • मछली जाल
  • सामुद्रिक एवं अन्य कहानियाँ (कहानी-संग्रह)।

मैथिली में:

  • आदि कथा
  • पाथरफूल
  • आंदोलन (उपन्यास)
  • स्वरगंधा
  • कविता राजकमलक (कविता-संग्रह)
  • एकटा चंपाकली विषधर
  • कृति राजकमलक (कहानी-संग्रह)।



अनूदित कृतियाँ:

  • मूल बांग्ला से शंकर का उपन्यास चौरंगी
  • वाणी राय का उपन्यास चोखे आमार तृष्णा

‘राजकमल चौधरी रचनावली’ शीघ्र प्रकाश्य।

अग्निस्नान एवं अन्य उपन्यास

राजकमल चौधरी

मूल्य: Rs. 295

इस संकलन में राजकमल चौधरी के पाँच उपन्यास संग्रहीत किए गए हैं,

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पत्थर के नीचे दबे हुए हाथ

राजकमल चौधरी

मूल्य: Rs. 195

मानव-जीवन के अनछुए प्रसंगों से उठाकर लाई गई कहानियाँ...

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प्रतिनिधि कहानियाँ : राजकमल चौधरी

राजकमल चौधरी

मूल्य: Rs. 195

प्रस्तुत संकलन की कहानियाँ रोटी, सेक्स एवं सुरक्षा के जटिल व्याकरण से जूझते आम जनजीवन की त्रासदी की कथा कहती हैं।

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मछली मरी हुई

राजकमल चौधरी

मूल्य: Rs. 250

यह इस छोटे-से उपन्यास का विषय नहीं है। विषय यह भी नहीं है कि शीरीं पद्मावत् को, एक साधारण पुरुष की साधारण पत्नी बनकर, जीवित रहने का अधिकार मिला या नहीं...

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राजकमल चौधरी रचनावली भाग - 1-8

राजकमल चौधरी

मूल्य: Rs. 8000

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विचित्रा

राजकमल चौधरी

मूल्य: Rs. 195

राजकमल की कविताओं में घटना और विषय के मुकाबले ‘शब्द’ बहुत अर्थ रखता है।

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